Assalamualikum, प्यारे नाजरीन। अगर आप इस पोस्ट पर आये है तो आपको अज़ान के बाद की दुआ (Azan ke baad ki dua) के बारे में जानना होगा। आज की इस पोस्ट में हमने अज़ान के बारे में लिखा है। अज़ान की दरमियान कोनसी दुआ पढ़ी जाती है और अज़ान के बाद की दुआ के बारे में लिखा है. अज़ान के बाद की दुआ को हमने Hindi , English , एंड Arabic में लिखा है विथ तर्जुमा। जिसको आप आसानी के साथ पढ़ भी सकते है और याद भी कर सकते है।
अज़ान के बाद की दुआ इन हिंदी | Azan ke Baad ki Dua in Hindi
अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़ीहिल दावती-त-ताम्मति वस्सलातिल कायिमति आती मुहम्मदानिल वसिलता वल फ़ज़ीलता वद्दरजतल रफ़ीअता वब’असहू मक़ामम महमूदा निल्ल्जी व्’अत्तहू वर ज़ुक्ना शफ़ाअतहु यौमल क़ियामती इन्नका ला तुखलिफुल मीआद |
तर्जुमा: ए अल्लाह ! ए परवरदिगार इस पूरी पुकार और कायम होने वाली नमाज़ के रब हज़रत मुहम्मद स.अ. को वसीला और फ़ज़ीलत और बुलंद दर्ज़ा अता फरमा और उनको मक़ामे महमूद में खड़ा कर जिसका तूने उनसे वादा किया और हमें कयामत के दिन उनकी शफाअत से बहरामंद कर। बेशक तू वादा खिलाफी नहीं करता |
अज़ान के बाद की दुआ इन इंग्लिश | Azan Ke Baad ki Dua in English
Allahumma rabba hazihid dawwatit taammati wassalatil kaimah aati muhammadanil waseelata wal fazeelata waddarazata- rrafeeyata wab ashu makamam mahmooda allazi wa addatuhu warzukana shafaatahu yaumal qiyamati innaka la tukhliful miyaad।
Tarjuma: O Allah! O Almighty, the Lord of this whole call and the everlasting prayer, Hazrat Muhammad S.A. Give us the blessings and virtues and high status and raise them in the maqama Mahmud which you promised them and banish us from their sacrifice on the Day of Judgment. Of course you do not disobey.
अज़ान के बाद की दुआ इन अरबी | Azan Ke Baad ki Dua in Arabic
اَللّٰہُمَّ رَبَّ ھٰذِہِ الدَّعْوَةِ التَّآمَّةِ وَالصَّلٰوةِ الْقَآئِمَةِ اٰتِ مُحَمَّدَنِ الْوَسِیْلَةَ وَالْفَضِیْلَةَوَالدَّرَجَتَہ الرَّفِیٌعَتَہ وَابْعَثْہُ مَقَامًا مَّحْمُوْدَنِ الَّذِیْ وَعَدْتَّہ وَر زُکنا شَفاعَتَھُ یَوٌمَ الٌقِیٰمَتہِ اِنَّکَ لَا تُخٌلِفُ الٌمِیٌعَاد
اے اللہ! اے قادر مطلق ، اس پوری پکار کا رب اور قاعم ہونے والی نماز کے رب ، حضرت محمد کو قیامت کے دن وسیلا عتا فرما ۔ اور ان کو اس مقام محمود میں بلند فرما جس کا تو نے ان سے وعدہ کیا تھا اور قیامت کے دن ہمیں ان کی قربانی سے نکال دے۔ یقینا آپ نافرمانی نہیں کرتے۔
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