SALATUL TASBEEH KI NAMAZ KA TARIKA IN HINDI

SALATUL TASBEEH KI NAMAZ KA TARIKA IN HINDI
SALATUL TASBEEH KI NAMAZ KA TARIKA IN HINDI

अस्सलामुअलैकुम दोस्तों , आज की इस पोस्ट में हम आपको सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने का तरीका (SALATUL TASBEEH KI NAMAZ KA TARIKA IN HINDI) बताएँगे।  सलातुल तस्बीह की नमाज़ की नियत कैसी की जाती है और कैसे पढ़ी जाती है और इस नमाज़ में कौन से कलिमात पढ़े जाते है।  इस पोस्ट में आपको सब बता जाएगा।  

सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने के बहुत फ़ज़ीलत आयी है और इसके पढ़ने के बहुत सरे फायदे है, जो इस पोस्ट के आखिरी में बताये गए है।

सलातुल तस्‍बीह SALATUL TASBEEH  में पढ़ा जाने वाला कलमा

Arabic سُبْحَانَ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَاللَّهُ أَكْبَر
Hindi सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर
English SubhanAllah Walhamdu-Lillah Wala-Ilaha Illallah Wallahu-Akbar
SALATUL TASBEEH KI NAMAZ KA TARIKA IN HINDI
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सलातुल तस्बीह की नमाज़ की नीयत करने का तरीका

इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे के के सालतुल तस्बीह की नियत कैसे करते है। 

जब भी आपका सालतुल तस्बीह पढ़ने का मन हो , फ़ौरन वुजू करले और मुसल्ले पर खड़े हो जाये और फिर इस तरह नियत करे। 

नियत करती/करता हु में वास्ते अल्लाह ता’अला के चार रकअत नफिल सालतुल तस्बीह रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ को अल्लाहु अकबर और फिर दोनों हाथ बांध ले। 

सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने का वक़्त , Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Time

सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने का कोई वक़्त मुक़र्रर नहीं है।  आप इस नमाज़ को कभी भी अदा कर सकते है।  बस ऐसे वक़्त इस नमाज़ को अदा न करे जिस वक़्त नफिल नमाज़ का पढ़ना मन है।

सलातुल तस्‍बीह की नमाज़ का तरीक़ा (Salatul Tasbeeh ki Namaz ka Tarika Step by Step)

1. तकबीर (अल्लाहु अक्बर) कह कर नमाज़ की शुरूआत करें। [नोट: नमाज़ की नियत ज़बान से अदा करना रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का तरीका नहीं है इसलिए इसकी नज़रअंदाज़ करें।]

2. फिर सना पढ़ें। (सुब्हानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दिका….)

3. सुरह फातिहा पढ़ें।

4. सुरह फातिहा के बाद कोई सुरत या आयात पढ़ें।

5. फिर इस को 15 मर्तबा पढ़े “सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

6. रूकुअ में जाये और रूकुअ में पढ़े जाने वाले ज़िक्र को पढ़े (सुब्हान रब्बीयल अज़ीम)। इसको पढ़ने के बाद 10 मर्तबा यह ज़िक्र पढ़ें, “सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

7. रूकुअ से उठें और इस हालत में जो ज़िक्र पढ़ी जाती है उसे पढ़ें, और फिर इसके बाद फिर से 10 मर्तबा यह ज़िक्र पढ़ें, “सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

8. अब सज्दें में जाये और सज्दे का ज़िक्र पढ़ें (सुब्हाना रब्बी अल आला) और फिर इसके बाद 10 मर्तबा यह ज़िक्र पढ़ें “सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

9. अब सज्दे से उठें और सज्दे से उठने की दुआ पढ़ें (रब्बीग़ फिरली रब्बीग़ फिरली) और फिर इसके बाद फिर से 10 मर्तबा यह ज़िक्र पढ़ें, “सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

10. अब दुसरा सज्दा करें, सज्दे वाली ज़िक्र पढ़े और फिर इसके बाद 10 मर्तबा यह ज़िक्र पढ़ें, “सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

11. दुसरे सज्दे से सर उठाने के बाद फिर से यह पढ़ें 10 मर्तबा, “सुब्हान अल्लाही  वल हमदुलिल्लाही व ला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर”

12. फिर दुसरी रकाअत के लिये खड़े होना है और इसी तरह दुसरी रकाअत भी मुकम्मल करनी है और इसमें तशह्हुद भी होगा (अत्तहियात) जैसे कि आम 4 रकाअत की दुसरी रकाअत में होती है।

13. इसी तरह तीसरी और चैथी रकाअत भी मुक़म्मल करनी है।

14. फिर चैथी रकाअत में सारे अज़कार व दुआऐं पढ़ कर सलाम फैरें।

Darood Shareef in Hindi

सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने के फायदे 

सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने का हुकुम प्यारे नबी मुहम्मद सल्लाल्हु अलैहि वसल्लम ने दिया है।  सलातुल तस्बीह की नमाज़ को पढ़ने की बहुत फ़ज़ीलत आयी है।  

  • सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने से आपके सारे सगीरा कबीरा , अगले पिछले, दबे ढके , चाहे अपने जवानी में किये हो या बुढ़ापे में , अल्लाह ता’अला सब मुआफ फरमा देंगे। 
  • अगर आप अपनी ज़िन्दगी में किसी भी परेशानी से गुज़र रहे है या फिर किसी गलत जगह फसे हुए है , तो आप सलातुल तस्बीह की नमाज़ ऐडा कर सकते है।  इन शा अल्लाह आपकी परेशानी दूर हो जाएगी और आसानी हो जाएगी। 
  • सलातुल तस्बीह की नमाज़ को रोजाना पढ़े , अगर रोजाना न पढ़ सके तो हफ्ते में एक बार पढ़े , अगर ये भी न हो सके तो महीने में एक बार पढ़े और अगर महीने में भी न हो सके तो साल में एक बार पढ़ ले, और साल में भी न पढ़ सके तो अपनी पूरी ज़िन्दगी में एक मर्तबा जरूर पढ़ ले। 
  • बहुत सारे लोग सलातुल तस्बीह की नमाज़ को जुम्मे की नमाज़ से पहले अदा करते है। आप भी पढ़ सकते है।  इस नमाज़ को पढ़ने में 15 से 20 minute का वक़्त लगता है। 

सलातुल तस्बीह की नमाज़ में कितनी रकअत होती हैं

Salatul  तस्बीह एक नफल नमाज़ है और इसमें चार रकअत  होती है।

सलातुल तस्बीह की नमाज़ में पढ़े जाने वाला कलमा/दुआ

سُبْحَانَ اللَّهِ وَالْحَمْدُ لِلَّهِ وَلاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَاللَّهُ أَكْبَر

सलातुल तस्बीह की नमाज़ कैसे पढ़े ?

सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने का तरीक ऊपर step by step लिखा हुआ है।

सलातुल तस्बीह की नमाज़ में कितनी रकअत होती है ?

सलातुल तस्बीह की नमाज़ चार रकअत होती है

सलातुल तस्बीह नफिल है या सुन्नत ?

सलातुल तस्बीह नफिल नमाज़ है।

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