Is post mai ham apko Darood Shareef in Hindi, English, aur Arabic mai sikhayengy with Tarjuma. हज़रत उबई इब्न कआब रजि अल्लाहू तआला अनुहू हाजिर हुए , अर्ज किया या रसूलल्लाह सल्ललाहू तआला अलैहि वसल्लम मै चाहता हूं अपने 24 घंटों के 4 हिस्से करू और एक हिस्से मे दरूद शरीफ पढ़ता रहूं, आका कैसा रहेगा, सरकार फरमाते हैं बहुत अच्छा है, अगर इसमें और ज्यादती करो तो और बेहतर हैं तुम्हारे लिए । अर्ज किया या रसूलल्लाह सल्ललाहू तआला अलैहि वसल्लम 24 घंटों के अधे हिस्से में दरूद शरीफ पढ़ता रहूंगा। आका फरमाते हैं बेहतर हैं लेकिन इस में और इजाफा करो तो और अच्छा, अर्ज किया या रसूलल्लाह सल्ललाहू तआला अलैहि वसल्लम 24 घंटों में पौना हिस्सा , आका फरमाते हैं और ज्यादा करो तो और अच्छा। अर्ज किया या रसूलल्लाह फर्ज नमाजो के बाद रातो दिन मैं सिर्फ आप पे दरुद शरीफ़ पढ़ूंगा। आका फरमाते हैं अगर तुने ऐसा कर लिया तो अल्लाह तुम्हें दुनिया के गमों से भी आजाद कर देगा और आखीरत के गमों से भी आजाद कर देगा।
दुरूद-इ-इब्राहिम नमाज़ के आखिरी रकत में अत्ताहियात के बाद पढ़ी जाती है।
Darood Shareef in Arabic
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ مُحَمَّدٍ وَعَلَىٰ آلِ مُحَمَّدٍ ❁ كَمَا صَلَّيْتَ عَلَىٰ إِبْرَاهِيمَ وَعَلَىٰ آلِ إِبْرَاهِيمَ ❁ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ ❁ اللَّهُمَّ بَارِكْ عَلَىٰ مُحَمَّدٍ وَعَلَىٰ آلِ مُحَمَّدٍ ❁ كَمَا بَارَكْتَ عَلَىٰ إِبْرَاهِيمَ وَعَلَىٰ آلِ إِبْرَاهِيمَ ❁ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ
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Darood Shareef in Hindi
अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मदिव व अला आली मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद |
अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आली मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद।
Darood Shareef ka Tarjuma in Hindi
अये अल्लाह हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर और उनकी आल (परिवार) पर खास रहमत फरमा,जैसे तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम पर और उनकी ऑल पर रहमत की, तू बड़ी तारीफ वाला बुजुर्गी वाला है।
अये अल्लाह हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर और उनकी आल पर बरकते नाजिल फरमा जैसे तूने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम पर और उनकी आल पर बरकते नाजिल की, तू बड़ी तारीफों वाला और बुजुर्गी वाला है।
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- Must Read: Dua-e-Qunoot
Darood Shareef in Roman English
Allāhumma ṣalli ʿalā Muḥammadin wa ʿalā āli Muḥammad(in), kamā ṣallayta ʿalā Ibrāhīma wa ʿalā āli Ibrāhīm(a), innaka Ḥamīdun Majīd. Allāhumma bārik ʿalā Muḥammadin wa ʿalā āli Muḥammad(in), kamā bārakta ʿalā Ibrāhīma wa ʿalā āli Ibrāhīm(a), innaka Ḥamīdun Majīd.
Darood Shareef with English Translation
O Allah, send prayers upon Muhammad and upon the family of Muhammad just as You have sent prayers upon Ibrahim and upon the family of Ibrahim, verily You are the Praiseworthy, the Glorious. O Allah, bless Muhammad and the family of Muhammad just as You have blessed Ibrahim and the family of Ibrahim, verily You are the Praiseworthy, the Glorious.
Darood Sharif Padhne ke Fayde । दरूद शरीफ पढ़ने के फायदे।
वैसे तो दरूद शरीफ पढ़ने के बहुत सारे फायदे है जिनको सारा बताना बहुत मुश्किल है, लेकिन हमने कुछ नीचे बनाई बताई है।
अल्लाह पाक कुरान की सूरह अल-एह्ज़ाब में मुसलमानों को मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर दुरूद भेजने का हुकुम देते हैं ।बेशक अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दरूद भेजते हैं नबी पर। ए ईमान वालो! तुम भी उन पर दरूद भेजो और सलाम भेजो –अल-क़ुरआन सूरत अल्लाहज़ अब:५
- जो मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके परिवार पर एक दुरूद भेजता है, अल्लाह उसके ऊपर 10 दरूद भेजते है, उसके 10 गुनाह माफ़ कर देता है, और 10 नेकी उसके उसके में लिख देता है|
- दुरूद शरीफ पढ़ने से बुरा वक्त ख़तम हो जाता है|
- दुरूद पढ़ने से भूले हुए काम और बाते याद आ जाती है|
- दुरूद पढ़ने वाले का क़र्ज़ जल्दी अदा हो जाता है|
- दुरूद पढ़ने वाला मुहम्मद सल्ल्लाहु अलैहि वसल्लम के पसन्दीदा बन जाते हैं|
- दुरूद पढ़ने वाले का दिल रेहमत और रौशनी से भर जाता है।
- सलवात भेजना जहन्नम की आग से बचाता है |
- सलवात को लगातार पढ़ने से सभी जायज़ दुआ पूरी हो जाती है |
- सलवात को ज़ोर से पढ़ने वाले शख्श में से घमण्ड ख़त्म हो जाता है |
- दुरूद भेजना कब्र में और कयामत के दिन रौशनी का काम करेगा |
- सलवात भेजने वाले के दिल में अल्लाह और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के लिए मोहब्बत पैदा हो जाती है |
- दुरूद शरीफ़ गुनाहों का कफ्फारा है।
- दुरूद शरीफ़ से अमल पाक होता है।
- दुरूद शरीफ़ से आँखों को नूर मिलता है।
- दुरूद शरीफ़ पढ़ने से जन्नत के दर्जात बुलंद होते है।
- यह अमल बन्दे को जन्नत के रस्ते पर डाल देता है।
- दुरूद शरीफ पढ़ने की वजह से बंदा आसमान और ज़मीन में काबिले तारीफ हो जाता है।
- दुरूद शरीफ पढ़ने वाले से आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम मुहब्बत फ़रमाते हैं, जो शख्श दुरूद शरीफ़ को ही अपना वजीफ़ा बना लेता है अलाह पाक उसके दुनिया और आखिरत के सारे काम अपने ज़िम्मे ले लेते है।
Darood Shareef ko kis waqt padhna jyada afzal hai
आप चाहे तो कभी भी और किसी भी वक़्त दरूद शरीफ को पढ़ सकते हैं। लेकिन कुछ वक़्त या दिन बेहद ख़ास हैं जब आपको दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए। वो ये है: –
- पाँँचों वक़्त की नमाज़ों के बाद
- अजान होने के बाद
- मस्जिद में दाखिल होने और बाहर जाने से पहले
- वजू करने के दौरान और वजू करने के बाद
- मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम सुनने और पढ़ने के वक़्त
- दुआ मांगने में
- मुसीबत के वक़्त में
- घर में दाखिल होने से पहले
- सुबह और शाम जब भी चाहें
- जिब्ह करते समय
- छीक आये उस वक्त
- सौदा या मोल-भाव कर रहे हों उस वक़्त
- जुमा के दिन कसरत के साथ
Darood Shareef padhne ke kuchh khas din
हजरत ओस की रिवायत है : मैंने अल्लाह के नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को यह इरशाद फरमाते हुए सुना की जुम्मा का दिन सब दिनों में अफ़ज़ल है। इसी दिन बाबा आदम A.S. को पैदा किया गया और इसी दिन उनकी रूह कब्ज़ की गयी। जुम्मा के दिन ही सूर फूंका जायगा और मुर्दो को क़ब्र से उठने का हुकुम होगा। जुम्मा के दिन तुम मुझ पर कसरत से दुरूद भेजा करो।
- शनिवार के दिन
- ईद-उल-अज़हा, ईद उल-फ़ित्र और मीलाद उन-नबी के दिन।
- सोमवार (पीर) के दिन
दरूद शरीफ को कब पढ़ा जाता है? Darood Shareef
वैसे तो आप दुरूद शरीफ को कभी भी पढ़ सकते है जब आपक मन करे। लेकिन कुछ वक़्त या दिन बेहद ख़ास हैं जब आपको दरूद शरीफ पढ़ना चाहिए। वो ये है: –
- पाँँचों वक़्त की नमाज़ों के बाद
- अजान होने के बाद
- मस्जिद में दाखिल होने और बाहर जाने से पहले
- वजू करने के दौरान और वजू करने के बाद
- मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नाम सुनने और पढ़ने के वक़्त
- दुआ मांगने में
- मुसीबत के वक़्त में
- घर में दाखिल होने से पहले
- सुबह और शाम जब भी चाहें
- जिब्ह करते समय
- छीक आये उस वक्त
- सौदा या मोल-भाव कर रहे हों उस वक़्त
- जुमा के दिन कसरत के साथ
Conclusion
Ummed hai aap sab ko aaj ki ye post bahut pasand (Darood Shareef in Hindi) aayi hogi. Is post mai Darood Shareef in Hindi me likhi hai, agar apko arabic mai nahi aati aap Darood Shareef in Hindimai padh sakte hai. Agar aap ye post pasand aayi hai to aap comment section mai jaroor btaye aur isko apne azeez dosto aur family ke saath jaroor share kare aur sawab hasil kare.
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