Roza Rakhne ki Dua: रोजा रखने की नियत & रोज़ा खोलने की दुआ

Roza Rakhne ki Dua
Roza Rakhne ki Dua
Roza Rakhne ki Dua
Roza Rakhne ki Dua

Roza Rakhne ki Dua: रोज़ा रखने के लिए roze ki niyat करना जरूरी है। रोज़ा रखने का मतलब सिर्फ भूखा-प्यासा रहना ही नहीं होता बल्कि रोज़े रख कर अल्लाह की इबादत भी करनी होती है ; आप नामज़ा भी पढ़े, क़ुरान की तिलावत भी करे और तस्बीह भी पढ़े। 

अब बात आती है Roza Rakhne ki Dua कोनसी है। आज के इस आर्टिकल में हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है Roza Rakhne ki Dua & Roza kholne ki Dua इन हिंदी, इंग्लिश एंड अरबिक। अगर आपको अरबिक नहीं आती तो आप हिंदी या इंग्लिश Roza Rakhne ki Dua को याद कर सकते है। हमने आपकी सहूलत के लिए इमेज भी लगायी है आप उसको डाउनलोड भी कर सकते है और अपने दोस्तों एंड परिवार वालो के साथ शेयर भी कर सकते है। 

जैसा की आप सबको पता है की Ramzan बहुत करीब है और सभी लोग रमजान के महीने की आने की ख़ुशी में तैयारी करने में लगे हुए है। कोई घर की सफाई में लगा हुआ है तो की Roza Rakhne ki Dua & Roza Kholne  ki Dua को याद करने में लगा है।  

तो आइए शरू करते है आज का आर्टिकल:

Roza Rakhne ki Niyat

रोज़ा रखने के लिए Roza Rakhne ki niyat का होना बहुत जरूरी है।  क्यूंकि इस्लाम ने नियत को बहुत ही अहमियत दी है।  बिना नियत के आपका कोई भी अमल क़ुबूल नहीं होगा।  यहाँ तक के रोजा भी नहीं।  

अगर आप Roza Rakhne ki Dua को पढ़ना भूल गए है , लेकिन अगर अपने सेहरी रोज़ा रखने की नियत से खाई है तो इन शा अल्लाह आपका रोजा क़ुबूल होगा। किसी भी इबादत में आपकी नेक नियत होना बहुत ही जरूरी है।  क्यूंकि आपकी नियत से वाक़िफ़ है और वो आपके आमाल नियत देख कर क़ुबूल करता है। 

 Roza Rakhne ka Tarika 

रोज़ा रखने का सही तरीका ये है आप सही टाइम पर सेहरी खाये और सही टाइम पर रोज़ा इफ्तार करे।  सेहरी खाने का टीम फज्र अज़ान से पहले होता और roza kholne ka time मग़रिब की अज़ान से कुछ मिनट पहले होता है।  अगर आप गांव या शहर वगैरा में रहते है तो वह पर मस्जिद में ऐलान होता के कब सेहरी कहानी है और कब रोजा खोलना है। अगर आप किसी ऐसी जगह रहते है जहाँ आपको आवाज नहीं आती, तो आप अपनी लोकेशन के हिसाब से  किसी app के जरिये सेहरी का टाइम और रोज़ा इफ्तार का टाइम मालूम कर सकते है।

Roza Rakhne ki Dua

रोज़ा रखने की दुआ (Roza Rakhne Ki Dua) को सेहरी खाने के बाद पढ़ लेना चाहिए। अगर आपको याद नहीं है यो यहाँ से आप याद कर सकते है।

Roza Rakhne ki Dua
Roza Rakhne ki Dua

Roza Rakhne ki Dua In Hindi

Translation: मैं रमज़ान के महीने में इस रोज़े की नीयत करता हु।

Roza Rakhne ki Dua In English

Translation: I Intend to keep the fast for month of Ramadan

Roza Rakhne Ki Dua In Arabic

Tarjuma: اورمیں نے ماہ رمضان کے کل کے روزے کی نیت کی

Must Read: फातिहा का तरीका इन हिंदी (Fatiha ka Tarika in Hindi)

Must Read: Darood Shareef in Hindi | दरूद शरीफ हिंदी में

सेहरी करने का सही वक़्त क्या है ?

सेहरी करने का वक़्त रात का आखिरी हिस्सा होता है यानी आप फज्र की अज़ान से पहले सेहरी खाकर फारिग हो जाये।  सेहरी खाने के बाद आप सेहरी की दुआ पढ़ ले यानि रोज़ा रखने की दुआ जो ऊपर लिखी हुई है। 

सेहरी खाये बगैर रोज़ा रखना कैसा है ?

सेहरी के बिना रोज़ा तो रख सकते है लेकिन बिला वजह सेहरी न करना अच्छा नहीं है।  अगर किसी वजहसे  सेहरी न खा पाए तो बिना सेहरी के रोज़ा रख ले।  बिला वजह सेहरी न छोड़े। क्योंकि प्यारे नबी मुहम्मद सलल्लाहु अलैहि वसल्लम सहरी करने को कहते थे।

Roza Kholne ka Waqt or Iftar ka Waqt

रोज़ा इफ्तार करने का वक़्त मगरिब अज़ान के होने के तुरंत बाद शरू हो जाता है। मगरिब की अज़ान होते ही रोज़ा इफ्तार की दुआ पढ़ ले और पानी या खजूर खा कर अपना रोज़ा इफ्तार कर ले. 

रोज़ा इफ्तार करना और रोज़ा खोलना दोनों का एक ही मतलब होता है। 

ऐसा जरूरी नहीं है आप सिर्फ पानी या सिर्फ खजूर से ही रोज़ा इफ्तार करे।  आप कोई भी fruits खा सकते है।  इसके बाद आप कुछ भी खा सकते है जो आपका मन करे। 

Roza kholne ki niyat

नीयत करने का मतलब है यह है की आप दिल में ये इरादा कर रहे है की में रोजा इफ्तार की दुआ पढ़लुँगा या पढ़लुँगी तो मेरी रोज़ा खोलने की नीयत हो जायगी। 

Roza Kholne ki Dua in Hindi

Roza kholne ki dua
Roza kholne ki dua

रोज़ा खोलना और इफ्तार करना एक ही होता है। इसलिए रोज़ा खोलने में और इफ्तार करने में आप बिलकुल भी कंफ्यूज न हो।

अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु वा बिका आमंतु वा अलयका तवाक्कल्तू वा अला रिज़किका अफ्तर्तु।

Tarjuma: ऐ अल्लाह! बेशक मैं ने तेरे लिए रोज़ा रखा, और तुझ पर ईमान लाया, और तुझ पर भरोसा किया, और तेरे ही रिज़्क़ से इफ्तार किया।

Roza Kholne ki Dua in English

Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizq-ika aftartu

Tarjuma: O Allah! I fasted for you and I believe in you and I put my trust in You and I break my fast with your sustenance

Roza Kholne ki Dua in Arabic

اَللّٰهُمَّ اِنَّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ

Tarjuma:

اے اللہ!میں نے تیری خاطر روزہ رکھا اور تیرے اوپر ایمان لایا اور تجھ پر بھروسہ کیا اورتیرے رزق سے اسے کھول رہا ہوں.

Iftar ki dua kab padhna chahiye

रोज़ा इफ्तार की दुआ आपको तब पढ़नी चाहिए तब रोज़ा इफ्तार का वक़्त हो गया हो यानि मगरिब की अज़ान हो रही हो।  रोज़ा इफ्तार की दुआ पढ़ कर आप खाना पीना शुरू कर सकते है।  

इस दुआ को पढ़ने में बहुत काम समय लगता है।  आप इस दुआ को जरूर पढ़े और सवाब हासिल करे। 

रोज़ा इफ्तार का वक़्त कैसे पता लगाए ?

कई जगह अज़ान की आवाज नहीं आती, तो ऐसे में आप islamic calendar को अपने पास रख सकते है।  उसमे हर एक रोज़े के खोलने का वक़्त दिया होता है और सहरी का वक़्त कब खत्म होता है ये भी  लिखा होता है। 

आप Google पर search करके भी रोज़ा इफ्तार का वक़्त पता लगा सकते है। 

और आप कोई  mobile app भी download कर सकते है।  वहां भी आपको सहरी और इफ्तार का वक़्त वक़्त मालूम हो जायगा।

एक mobile app है Muslim Pro इसको भी आप play store से  download कर सकते है।

रोज़ा इफ्तार इन चीज़ो से बिलकुल न खोले 

आप रोजा इफ्तार पानी पी कर या खजूर खाकर कर सकते है।  आप कोई fruits  भी खा सकते है।  मतलब ये के आपको रोज़ा इफ्तार ठंडी चीज़ो से ही करना है। 

आग पर पाकी हुई किसी भी चीज़ से रोज़ा न खोले।  रोज़ा खोलने पानी या खजूर या fruits  से खोलने के बाद आप कुछ भी खा सकते है।

Must  Raed : मुझे उम्मीद है आपको रोज़ा खोलने की दुआ मालूम हो गयी होगी।  अगर आपको ये पोस्ट पसन् आयी है तो आप इस पोस्ट

5 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *